God Shiv with Maa Parvati son Ganesha and Kartikeyaप्राचीन शिव मन्दिर, बरी खास

विष्णु भगवान जी की आरती - ॐ जय जगदीश हरे

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे।

भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट क्षण में दूर करे॥ ॐ जय जगदीश हरे॥

जो ध्यावे फल पावे, दुख बिनसे मन का।

सुख संपत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय जगदीश हरे॥

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।

तुम बिनु और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय जगदीश हरे॥

तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतर्यामी।

पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय जगदीश हरे॥

तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता।

मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय जगदीश हरे॥

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।

किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय जगदीश हरे॥

दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।

अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय जगदीश हरे॥

विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।

श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय जगदीश हरे॥

तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।

तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय जगदीश हरे॥

जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।

कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय जगदीश हरे॥

प्राचीन शिव मन्दिर सेवा समिति, बरी खास