God Shiv with Maa Parvati son Ganesha and Kartikeyaप्राचीन शिव मन्दिर, बरी खास

दुर्गा माता जी की आरती - जय अम्बे गौरी

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।

तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥ ॐ जय अम्बे गौरी॥

मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को।

उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको॥ ॐ जय अम्बे गौरी॥

कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।

रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै॥ ॐ जय अम्बे गौरी॥

केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी।

सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी॥ ॐ जय अम्बे गौरी॥

कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।

कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती॥ ॐ जय अम्बे गौरी॥

शुंभ-निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती।

धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती॥ ॐ जय अम्बे गौरी॥

चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे।

मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥ ॐ जय अम्बे गौरी॥

ब्रह्माणी-रूद्राणी, तुम कमला रानी।

आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी॥ ॐ जय अम्बे गौरी॥

चौंसठ योगिनी गावत, नृत्य करत भैरों।

बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू॥ ॐ जय अम्बे गौरी॥

तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।

भक्तन की दुख हरता, सुख संपति करता॥ ॐ जय अम्बे गौरी॥

भुजा चार अति शोभित, वर मुद्रा धारी।

मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी॥ ॐ जय अम्बे गौरी॥

कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।

श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योती॥ ॐ जय अम्बे गौरी॥

श्री अम्बे जी की आरति, जो कोइ नर गावे।

कहत शिवानंद स्वामी, सुख-संपति पावे॥ ॐ जय अम्बे गौरी॥

प्राचीन शिव मन्दिर सेवा समिति, बरी खास